अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर जैसे स्थानों से 100 मीटर की दूरी तक पटाके जलाना किया प्रतिबंधित -खरगोन।

 

एनजीटी और सीपीबी आदेशों के पालन के लिए आदेश जारी

—–—खरगोन :- करण चरोले

राष्ट्रीय हरित अभिकरण और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पटाखों और प्रदूषण के निर्धारित आदेशो का पालन सुनिश्चित कराने के लिए अपर कलेक्टर श्री जेएस बघेल ने आदेश जारी किए है। साथ ही मप्र शासन के गृह विभाग द्वारा 9 नवंबर 2020 के आदेश के अनुपालन में अपर कलेक्टर श्री बघेल ने अपने आदेश में कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 अंतर्गत खरगोन जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में ग्रीन श्रेणी के पटाखों के अतिरिक्त अन्य समस्त प्रकार के पटाखों का विक्रय एवं उपयोग अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही पटाखों के प्रस्फोटन संवेदनशील क्षेत्र जैसे- अस्पताल, नर्सिंग होम्स, हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक स्थलों इत्यादि से 100 मीटर की दूरी तक प्रतिबंधित है।

 

इस दिवाली पर ग्रीन पटाखों का करें उपयोग

ग्रीन पटाखों के संबंध में पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन और एनईआरआई द्वारा पटाखों का वर्गीकरण किया गया है।

जाने ग्रीन पटाखे को से है

ग्रीन  पटाखे में फुलझड़ी, अनार, मेरुन आते है। पटाखों में बेरियम सॉल्ट इत्यादि विषैले रासायनों का उपयोग होता है इसलिए प्रतिबंधित किया जाता है। वहीं लड़ी, जुड़ी हुए पटाकों का निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण व प्रस्फोटन भी प्रतिबंधित रहेंगे। पटाकों की तीव्रता प्रस्टफोटन स्थल से 04 मीटर पर 125 डीबी (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। पटाकों के ऑनलाईन सेल करना जैसे आमेजन, फ्लिपकार्ट को भी प्रतिबंधित किया गया है। वहीं पटाकों के जलने के उपरांत बचे हुए कागज के टुकड़े एवं अधजली बारूद के संपर्क में आने से पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने सकी संभावना रहती है। पटाकों के चलने के पश्चात उत्पन्न कचरे को ऐसे स्थानों पर न फेंके जाहां प्राकृतिक जल स्त्रोत एवं पेयजल स्त्रोत प्रदूषित होने की संभावना हो। जलने के पश्चात बचे हुए कचरे को पृथक स्थान पर एकत्रित कर नगर पालिका या नगर परिषद के कर्मचारियों को सौंपा जाए। नगर पालिका व नगर परिषद संग्रहित कचरे को पृथक से एकत्रीकरण कर उसका अपवहन सुनिश्चित करें।

 

#JansamparkMP

Leave a Comment

[democracy id="1"]