एक पक्षीय कार्रवाई विरोध गेरेज संचालक ने केरोसिन डालकर की आत्मदाह की कोशिश,

करही खरगोन-: शनिवार को करही मे अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर नया विवाद हो गया है नगर के वार्ड क्रमांक 14 के पंचायत भवन के पास के आटो गेरेज की दुकान पर सुबह 7:00 बजे अतिरिक्त तहसीलदार मनीष जैन, सीएमओ चुन्नीलाल जूनवाल, थाना प्रभारी पुलिस बल नपा के कर्मचारी टीम के साथ जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे। अधिकारियों की मौजूदगी में अतिक्रमणकर्ता से बिना बात किए।कर्मचारियों ने गिरी दुकान के सामने धूप से बचाव के लोहे के पाईप व नेट को उखाड़ दिया।जिस पर घर की महिलाओं ने विरोध किया महिलाओं ने कहा हमारी दुकान का ही अतिक्रमण दिख रहा है लेकिन दुकान के पीछे शासकीय कुआं था जिसे भाजपा नेता ने कुछ दिनों पहले शासकीय कुएं को जेसीबी से मुरूम डालकर बंद कर दिया कुएं की जमीन के साथ ही उसके आसपास की शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। जमीन मालिक भाजपा का नेता होने के कारण उसने शासकीय जमीन पर अतिक्रमण किया है इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। भाजपा नेता द्वारा शासकीय जमीन पर किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराने के बजाय शासकीय कुएं के सामने बनी गेरेज़ की दुकान को अतिक्रमण बता कर कार्रवाई कर रहे हैं। भाजपा नेता द्वारा शासकीय कुएं को मुरूम से जेसीबी द्वारा बंद के वीडियो,  शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करने के आवेदन  नगर परिषद सहित कलेक्टर सहित संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिए हैं लेकिन कार्रवाई गरीब पर ही की गई। दुकान के पीछे भाजपा नेता का जो अतिक्रमण है उस पर कार्रवाई कर मुक्त कराई जाए इसी बीच गेरेज़ संचालक बसंत केदारे व अधिकारियों में बाहर होती रही ।

गेरेज संचालक ने लगाए एक पक्षीय कारवाई के आरोप

बसंत ने अधिकारीयों पर एक पक्षीय आरोप लगाते हुए विरोध किया। उसने अधिकारियों के सामने ही अपने सिर पर घासलेट डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की गई। पुलिस जवानों ने दुकानदार को आत्मदाह करने से रोका वह पुलिस वाहन में बिठाकर करही थाने पर लाए।

वायरल विडिओ

अधिकारियों ने गैरेज की दुकान को जेसीबी से तोड़ कर हटाया।

वर्ष 1997 मे दिया गया था दुकान का पट्टा —बसंत केदारे

करही

मामला करही के पास पाड़लिया का है जहाँ नगर परिषद करही टीम के द्वारा सुबह 7 बजे के करीब पाडलिया निवासी बसंत केदारे की चालीस वर्ष पुरानी दुकान को गिरा दिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर इनदिनों काफी वायरल हो रहा है। स्थानीय लोगो ने भी इस कार्यवाही का जमकर विरोध किया है। लोगो का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर एक गरीब का ही शोषण क्यों जबकि अतिक्रमण तो अन्य लोगो के द्वारा किया गया है,जिनका चालीस वर्ष पुराना पट्टा बना है,इसके बाबजूद भी इस प्रकार की कार्यवाही नगर परिषद के तानाशाही रवैये को दर्शाती है। वायरल वीडियो की सत्यता को जानने के लिए हमारे संवाददाता के द्वारा घटनास्थल पर पहुँचकर पीड़ित से जानकारी चाही गई तो पीड़ित ने बताया कि हम हमारे बाप दादा के समय से यहाँ पर रह रहे हैं।

सन 1997 से मेरा पट्टा बना हुवा है। बसंत ने यह भी बताया कि सामने वाले व्यक्ति के द्वारा 24/08/2021 को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा ली गई हैं, जिसमे शासकीय कुँए सहित को उसने खुद के नाम पर करवा लिया है। इस बात का केस मेरे द्वारा न्यायालय में लगाया गया है। फिर भी नगर परिषद के द्वारा शानिवार सुबह साथ बजे बिना किसी नोटिस के मेरी दुकान को तोड़ दिया गया है। मेरे पुरे परिवार की जीविका इसी दुकान से चल रही थीं,जिसे अनुचित तरीके से तोड़ दिया गया है। जल्द ही न्याय के लिए हम जिला कार्यालय जाएंगे।

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