कम खर्च में लाखों कमाने के लिए सबसे अच्छा बिजनेस है नींबू की खेती, जानिए इसका आईडिया

वर्तमान समय में नींबू दिन-प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है, जिसके चलते कई लोग इसका बिजनेस करने की सोच रहे हैं। गर्मी के दिनों में इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है और इसीलिए इसकी मांग अधिक रहती है। रसोईघरों से लेकर बड़े-बड़े होटलों में सलाद के साथ-साथ अन्य व्यंजनों में नींबू का इस्तेमाल किया जाता है। नींबू का बिजनेस करके आप लाखों रुपए का फायदा कमा सकते हैं। नीचे हम आपको नींबू का बिजनेस करने का आईडिया बताने जा रहे हैं।


शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नींबू क्यों फायदेमंद है?

शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नींबू बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि इसमें विटामिन ए, बी और सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट के गुण भी पाए जाते हैं। इतना ही नहीं इसमें कॉपर, पोटेशियम, आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और क्लोरीन तत्व भी मौजूद रहते हैं।

बाजार में हमेशा नींबू की मांग क्यों अधिक रहती है?

गर्मियों के समय में बाजार में हमेशा नींबू की मांग अधिक रहती है, क्योंकि यह पेट को ठंडा रखने, गैस की समस्या से निजात दिलाने के साथ-साथ शरीर के अन्य रोगों को दूर करने में मदद करती है। इसके अलावा कई व्यंजनों और सलाद के साथ भी नींबू का उपयोग किया जाता है।

वर्तमान समय में नींबू की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रही है फिर भी इसकी मांग में बिल्कुल भी कमी नहीं आ रही है। जहाँ एक ओर इसकी कीमत बढ़ने के चलते लोगों के जेब का खर्च बढ़ रहा है, वहीं किसानों और कृषि उद्योग करने वाले लोगों के लिए अच्छा फायदा कमाने का सुनहरा अवसर भी मिल रहा है।

सेब-अनार से भी मंहगा हो चुका है नींबू

उत्तर भारत में नींबू की कीमतों में लगातार वृद्धि होती जा रही है। मंडी भाव के अनुसार वर्तमान समय में नींबू ₹400 प्रति किलो का आंकड़ा छू रहा है। यदि आप बाजार में एक नींबू लेना चाहते हैं तो इसकी कीमत लगभग ₹10 रहती है। गर्मियों के समय में सेब और अनार की कीमत बढ़ जाती है लेकिन नींबू की कीमत इससे लगभग दोगुनी हो चुकी है। पहले के समय में जहाँ लोग नींबू का बहुत अधिक इस्तेमाल किया करते थे, वहीं अब वे इससे थोड़ा बच रहे हैं।

​नींबू के भाव लगभग 5 गुना क्यों हो गए?

मार्च और अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में नींबू उपलब्ध नहीं हो पाता है जिसके चलते आंध्र प्रदेश से पूरे भारत में नींबू की सप्लाई की जाती है। लेकिन अक्टूबर नवंबर के महीने में भारी बाढ़ के चलते इस राज्य में नींबू की खेती लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। इसीलिए मार्च एवं अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में नींबू का भाव लगभग 5 गुना बढ़ गया। 2004 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था, जब देश के कई हिस्सों में बाढ़ के चलते नींबू की खेती प्रभावित हो गई थी।

टोटके के कारोबार में नींबू का है अहम योगदान

भारत में वास्तुदोष को दूर करने के लिए टोटके में नींबू-मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए अक्सर दुकानों के बाहर नींबू-मिर्च लटकते देखा जा सकता है। एक रिपोर्ट की मानें तो इसका सालाना बिजनेस लगभग 40 हजार करोड़ रुपए का है और लगभग 57 लाख लोग इस बिजनेस से जुड़े हुए हैं। इसी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नींबू का बिजनेस करने का कितना फायदा मिल सकता है।

कम खर्च में अधिक मुनाफे के लिए अच्छा बिजनेस है नींबू की खेती

नींबू की खेती करना एक ऐसा बिजनेस है जो आपके लिए हमेशा ही मुनाफे वाला साबित हो सकता है। एक नींबू का पौधा 10 सालों तक आपको मुनाफा दे सकता है। नींबू के पौधे की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें पूरे साल फल लगते हैं। यदि आपको एक नींबू के पेड़ से साल भर में 50 किलो नींबू मिल गया, तो आपका मुनाफा 10 हजार – 15 हजार तक हो सकता है।

इसी तरह से आप एक एकड़ में इसकी खेती करके बड़े आराम से 4 से 5 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। एक पौधा लगभग 3 सालों में तैयार होकर फल देने लगता है और इसमें अधिक लागत लगाने और अधिक देखभाल करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती।

नींबू की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए?
यदि आप नींबू की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए बलुई और दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। हालांकि लाल लेटराइट मिट्टी के साथ-साथ अम्लीय या क्षारीय किसी प्रकार की मिट्टी में भी इसकी पैदावार अच्छी होती है। लेकिन ध्यान रहे कि ठंड या पाले से इसके पैदावार पर असर पड़ता है।

भारत में में नींबू की खेती किन-किन राज्यों में होती है?
नींबू उत्पादन के मामले में भारत पूरे विश्व में पहले स्थान पर है। यहाँ आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और बिहार सहित कई अन्य पहाड़ी राज्यों में भी नींबू की खेती होती है। अलग-अलग राज्यों में नींबू की अलग-अलग किस्मों की पैदावार होती है।

नींबू की कितनी किस्में होती हैं?

भारत सहित दुनिया भर में नींबू की कई किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें कागजी नींबू, कागजी कलां, गलगल और लाइम सिलहट का उपयोग घरों में किया जाता है। इसके अलावा चक्रधर, विक्रम, पी के एम-1, साई शरबती, अभयपुरी लाइम, करीमगंज लाइम भी नींबू की अन्य किस्में हैं। व्यापारिक खेती के उद्देश्य से प्रमालिनी किस्म की पैदावार की जाती है, जबकि बारामासी नींबू वाले पेड़ में साल में दो बार फल लगते हैं।
नींबू की बुआई और रोपाई कैसे करें?

नींबू की पैदावार दो तरीके से की जा सकती है: बीज बोकर और पौधे लगाकर। यदि आप पौधे लगाते हैं तो इससे समय की बचत होती है और उत्पादन में समय कम लगता है। ध्यान रहे कि हमेशा एक महीने पुराने पौधे ही नर्सरी से खरीदें। पौधे की रोपाई के लिए मौसम के अनुसार जून व अगस्त के बीच का महीना अच्छा रहेगा। 1 बीघे में करीब 150 पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा एक एकड़ में करीब 240-250 पौधे लग सकते हैं।

नींबू की खेती की सिंचाई में कितना पानी लगेगा?

नींबू की खेती में अधिक सिंचाई या पानी की आवश्यकता नहीं होती है। इसीलिए हमेशा बारिश के मौसम में ही इसकी रोपाई करनी चाहिए, ताकि उसे पर्याप्त पानी मिल सके। हालांकि जब पौधे में कलियाँ खिलने लगती हैं तो सिंचाई आवश्यक हो जाती है। समय-समय पर सिंचाई करने से नींबू की पैदावार अच्छी होती है।

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