मंजूर नक्शे के विपरीत किए जा रहे उपयोग को करना होगा बंद, अन्यथा निगम करेगा सील, जाहिर सूचना से चेतावनी शहर की सभी इमारतों को निगम ने थमाया 10 दिन का सार्वजनिक नोटिस
Sunil Malviya –Indore news
Updated -12/10/2024 3:20 pm
इंदौर में नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा बेसमेंट का कमर्शियल उपयोग रोकने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत टीम ने कई बेसमेंट में कार्रवाई करते हुए यहां मौजूद ऑफिस, कोचिंग संस्थान और दुकानों को सील भी किया है।
नक्शे कि विपरीत उपयोग पाये जाने पर प्रशासन और नगर निगम ने इमारतों के बेसमेंट को जांच में गलत पाए जाने पर सील करने की कार्यवाही कर रहा है
निगम करेगा सील करने की कार्यवाही
जहां पार्किंग के स्थान पर अन्य व्यवसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। दूसरी तरफ आज नगर निगम ने जाहिर सूचना के माध्यम से शहर की लगभग सभी इमारतों को सार्वजनिक नोटिस जारी किया है, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई कि 10 दिन में मंजूर नक्शे के विपरित अगर अन्य उपयोग किया जा रहा है तो उसे हटा लिया जाए अन्यथा निगम कार्रवाई करेगा।
पैथोलॉजी लैब, लाइब्रेरी, कोचिंग क्लास से लेकर अन्य तमाम व्यवसायिक गतिविधियां सालों से हो रही हैं संचालित
अभी तक कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा चलाई जा रही पार्किंग सुविधाओं को लेकर मुहिम के चलते शहर की इमारतों के बेसमेंट में कार्रवाई की गई, जहां पर पैथोलॉजी लैब, लाइब्रेरी, कोचिंग क्लास से लेकर अन्य तमाम व्यवसायिक गतिविधियां सालों से संचालित हो रही हैं।
रोड़ पर पार्किंग से यातायात अवरूद्ध
दरअसल शहर के सभी इलाकों में जितनी भी आवासीय या व्यवसायिक इमारतें सड़क से जुड़े क्षेत्रों में बनी है वहां पर इस तरह की अवैध दुकानें- शोरूम बना लिए गए, जहां पर पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी गई। नगर निगम ने अब ऐसे सभी भवन स्वामियों को सूचना दी है कि उनके भूखंड पर जो प्राप्त भवन अनुज्ञा यानी नक्शा मंजूर करवाया गया है उसमें अधिभोग के विपरित अन्य उपयोग किया जा रहा है, तो उसे अधिभोग का अतिक्रमण माना जाएगा
अधिनियम 1956 और भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों होगी कार्रवाई
इस जाहिर सूचना के माध्यम से निगम सीमा क्षेत्र में आने वाले समस्त भवन स्वामियों को यह सूचित किया जाता है कि अगर उन्होंने नक्शे के विपरित अतिक्रमण कर रखा है तो 10 दिन में बंद कर जो भवन अनुज्ञा हासिल की गई है उसके मुताबिक ही उसका इस्तेमाल करें। अन्यथा नगर पालिका अधिनियम 1956 और भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों के मुताबिक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी और इस जाहिर सूचना को ही नोटिस माना जाए।