नीम का पेड़ उन चुनिंदा पौधों में से है जिसके लगभग हर भाग का हम इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के फायदे सैंकड़ों हैं और इसका हर भाग आप इस्तेमाल में ला सकते हैं। जहां नीम की पत्तियां त्वचा को स्वस्थ रखने और खून को साफ करके का काम करती हैं तो वहीं इसकी छालें पाचन तंत्र को बेहतर करती हैं। इसके अलावा इसका तेल, बीज और फूल भी कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
Wonder Tree. अद्भुत वृक्ष
इसे आप प्रकृति का वरदान कह सकते हैं जो आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है, खासकर कि ग्रामीण इलाकों में। इसकी खासियत और फायदों को देखते हुए ही इसका नाम Wonder Tree यानि अद्भुत वृक्ष भी रखा गया है। प्राचीन समय से ही इस औषधीय पौधे का इस्तेमाल विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है और आज की आधुनिक दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
आप इस वंडर ट्री का भरपूर लाभ प्राप्त कर सकें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकें, इसके लिए ही हमनें नीम के फायदों का ब्लॉग को तैयार किया है। इसके माध्यम से आप विस्तारपूर्वक जानेंगे कि नीम क्या है, इससे फायदे और नुकसान क्या हैं, इसका इस्तेमाल कैसे करें, इसके इस्तेमाल से संबंधित क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ।
नीम के गजब के फायदों को जानिए और हो जाइए है हैरान
Know the amazing benefits of Neem and be surprised
नीम का पेड़ उन चुनिंदा पौधों में से है जिसके लगभग हर भाग का हम इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के फायदे सैंकड़ों हैं और इसका हर भाग आप इस्तेमाल में ला सकते हैं। जहां नीम की पत्तियां त्वचा को स्वस्थ रखने और खून को साफ करके का काम करती हैं तो वहीं इसकी छालें पाचन तंत्र को बेहतर करती हैं। इसके अलावा इसका तेल, बीज और फूल भी कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
इसे आप प्रकृति का वरदान कह सकते हैं जो आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है, खासकर कि ग्रामीण इलाकों में। इसकी खासियत और फायदों को देखते हुए ही इसका नाम Wonder Tree यानि अद्भुत वृक्ष भी रखा गया है। प्राचीन समय से ही इस औषधीय पौधे का इस्तेमाल विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है और आज की आधुनिक दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
नीम क्या है What is NEEM
नीम एक औषधीय पेड़ है जिसे अद्भुत वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस पेड़ की खासियत यह है कि इसके सभी भाग का इस्तेमाल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है और बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल दवाओं में भी होता है। यह कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी को भी ठीक करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।
आमतौर पर इसे आप भारत के सभी शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में पायेंगे। इसके औषधीय गुणों को देखते हुए गांवों में इस वृक्ष को विशेष पहचान दी है सदियों से इसका इस्तेमाल विभिन्न त्वचा, दांत और बाल संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। इसके औषधीय फायदों को देखते हुए ही इसका इस्तेमाल मॉडर्न एप्लिकेशंस जैसे साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन और हर्बल सप्लीमेंट में किया जाता है।
नीम के गुणों से बालों को चमकदार और स्वस्थ वर्धक बनाए
भारत की एक बड़ी आबादी बाल झड़ने, सिर की त्वचा में इन्फेक्शन होने, बालों का सही विकास न होने और रूसी से परेशान है। ऐसे में नीम बड़े फायदे की चीज है। इसकी मदद से आप अपने बालों का झड़ना रोक सकते हैं, सिर की त्वचा को संक्रमण मुक्त बना सकते हैं, और बालों को स्वस्थ वर्धक बना सकते हैं
shiny and healthy hair with Help of Neem.
इसका कारण है नीम में मौजूद वाहिकाविस्फारक गुण, जो कि सिर की त्वचा में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। इससे बेहतर रक्त प्रवाह बालों के रोम-रोम को पोषण देता है, जिससे बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण रूसी और खोपड़ी के संक्रमण से लड़ते हैं। ऐसे में आपको नीम तेल से बालों को अच्छे से मसाज करना चाहिए और साथ ही आप इसे पानी के साथ उबालकर, फिर ठंडा करके बालों पर शैंपू की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह बात हम बखूबी समझते हैं कि नीम आपके बालों और सिर की त्वचा के लिए बेहतरीन है और आप नीम के तेल से सर कि मालिश भी कर सकते हैं यह आपकी सिर की त्वचा को स्वस्थ रखता है, आपके बालों को मजबूत बनाता है और साथ ही बालों के विकास को बढ़ावा देता है।
नीम का नियमित इस्तेमाल है दांतों और मसूड़ों के लिए वरदान
आप अगर कभी ग्रामीण इलाकों में गए होंगे तो देखा होगा कि ग्रामवासी सुबह सुबह ब्रश और टूथपेस्ट नहीं बल्कि नीम की छोटी से ठंडल या टहनी का इस्तेमाल दातों की सफाई के लिए करते हैं। नीम के प्राकृतिक गुणों के चलते पश्चिकी देशों में नीम की टहनियां महंगे दामों में बेची जा रही है ऐसा इसलिए है क्योंकि नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो कैविटी से जुडी बिमारियों और बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है।
इसके साथ ही नीम की जीवाणुरोधी क्रिया उन बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करती है इसके अलावा अगर आपके मसूड़ों में हल्की चोट और सूजन है तो इस परिस्थिति में भी नीम काफी फायदेमंद है। इसमें मौजूद सूजन रोधी गुण मसूड़ों में सूजन को कम करने में मदद करता है। अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो भी आप इसका सेवन करना शुरू कर सकते हैं और परिणाम जल्द ही आपके सामने होगा।
त्वचा के लिए भी लाभकारी है नीम
नीम की पत्तियां और तेल आपकी त्वचा को कई त्वचा संबंधित रोगों से बचा सकती हैं और आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं। इसमें इसमें शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ते हैं। तो वहीं इसमें मौजूद गुण सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो दाग-धब्बों और काले धब्बों को कम करके त्वचा की रंगत को एक समान बनाते हैं।
इसके अलावा नीम की एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाती है और त्वचा को हाइड्रेट व पोषण देकर सूखापन और परतदार होने से बचाती है। ऐसे में अगर आप ये सारे फायदे चाहते हैं और अपनी त्वचा को निखार देना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल अवश्य करें। आप इसका तेल ऑनलाइन खरीदकर इस्तेमाल कर सकते हैं या इसे पानी के साथ उबालकर, गुनगुने पानी से रोजाना नहा सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है
हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मौजूद होती है जो हमारी कई रोगों से रक्षा करती है। जिन व्यक्तियों का रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत नहीं होता है, वे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं और बीमार पड़ने के बाद जल्द ठीक भी नहीं हो पाते। ऐसे में अगर आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं तो नीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल नीम में कई ऐसे गुण होते हैं जो आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
आप Neem Capsules और Neem Tea का सेवन करके अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता नीम
वर्तमान समय का हमारा खान पान और रहन सहन कुछ इस प्रकार का बन चुका है कि हम अक्सर विभिन्न बीमारियों से जूझते रहते हैं। डायबिटीज और उच्च रक्तचाप भी ऐसी ही बीमारियां हैं जो हमारे खुद के कारण जन्म लेती हैं। आज डायबिटीज से लाखों की संख्या में लोग पीड़ित हैं और इनकी संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है इस परिस्थिति में भी नीम किसी वरदान से कम नहीं है। जी हां, इसका सेवन आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और साथ ही रक्तचाप को भी रेग्यूलेट करता है।
दरअसल नीम में इंसुलिन-मिमेटिक गुणों वाले यौगिक होते हैं जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करके रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। ऐसे में अगर आप ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो इसका सेवन Neem Capsules या Neem Powder के तौर पर कर सकते हैं।
कीट पतंगों से छुटकारा दिलाता है नीम
( Benifits of nim )
क्या आपको पता है कि आप नीम का इस्तेमाल मच्छरों, कीड़ों, पतंगों आदि को भगाने के लिए भी कर सकते हैं नीम विभिन्न तरीकों से प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता हैं। साथ ही नीम का तेल मच्छरों के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। त्वचा पर नीम का तेल लगाने या नीम आधारित मच्छर निरोधकों का उपयोग करने से मच्छरों के काटने को रोकने में मदद मिल सकती है।
ग्रामीण इलाकों में अभी भी नीम की पत्तियों का तेल या लेप मच्छरों से बचने और इसकी पत्तियों को जलाकर मच्छरों को दूर भगाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। अगर हम हालिया उदाहरण देखें तो खेत में भी जेविक किटनाशक के रूप में नीम का उपयोग किया जा रहा है जिससे किसानों को कई फायदे मिल रहे हैं। इनके इस्तेमाल से न सिर्फ मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर हुआ बल्कि कीट एवं रोगों के आक्रमण में भी कमी आई।
बीमारी फैलाने वाले कीटाणु से मुक्ति दिलाता है
हम अक्सर अपने घरों के फर्श और टॉयलेट की सफाई के लिए कई ब्रांड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि ये ब्रांड्स वाकई कारगर हैं लेकिन आप चाहें तो नीम पानी या नीम से तैयार साफ़ करने वाला घोल भी इस्तेमाल में ला सकते हैं। दरअसल नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि नीम के पानी या नीम आधारित सफाई घोल का उपयोग करने से घर में फर्श/सतहों को कीटाणुरहित करने में मदद मिल सकती है।
इसका घोल बनाना वाकई काफी आसान है। बस आपके पास होना चाहिए नीम की पत्तियां और सफेद सिरका। आप नीम की पत्तियों को उबाल कर और फिर छान करके ठंडे पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद एक बोतल में नीम का पानी और सफेद सिरकरा मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें और फिर उन जगहों पर स्प्रे करें जिन्हें आप कीटाणु रहित करना चाहते हैं। इसके अलावा आप नीम तेल का पानी और सोप के साथ इस्तेमाल करके नीम फर्श क्लीनर भी तैयार कर सकते हैं।
सांस सम्बन्धित समस्याओं को दूर करता है
भारी प्रदूषण, नशा पदार्थों और अन्य कई कारणों से लोग सांस संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं। हर वर्ष लाखों लोग सांस संबधित बीमारियों का सामना करते हैं और मरीजों कि संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि ये बीमारियां आपको छुएं भी न तो बढ़िया लाइफस्टाइल के साथ साथ नीम का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
नीम में सूजन-रोधी प्रभाव वाले यौगिक होते हैं जिसके कारण यह श्वसन द्वार में सूजन को कम करता है, श्वसन संबंधी स्थितियों के लक्षणों को कम करता है। साथ ही, नीम श्वसन द्वार से बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे जमाव से राहत मिलती है और सांस लेने में आसानी होती है। नीम एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना भी होता है जो श्वसन प्रणाली को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है जिससे समग्र फेफड़ों के स्वास्थ्य में मदद मिलती है।
मलेरिया के इलाज में प्रभावी
कुछ शोधों में यह पाया गया है कि नीम के कुछ घटकों में मलेरिया-रोधी प्रभाव हो सकते हैं। प्राचीन समय में भी इसका इस्तेमाल मलेरिया रोगियों के लिए किया जाता रहा है। आइए समझते हैं कि यह कैसे मलेरिया के इलाज में प्रभावी साबित हो सकता है। पहला तो नीम में पाए जाने कुछ अध्ययनों में मलेरिया-रोधी गुणों का प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही नीम का उपयोग पारंपरिक रूप से विभिन्न संस्कृतियों में बुखार को कम करने के लिए किया जाता रहा है, जो मलेरिया का एक प्रमुख लक्षण है।
इसके अलावा हमने आपको पहले ही बताया कि इसका इस्तेमाल आप Mosquito Repellant के तौर पर भी कर सकते हैं। मलेरिया का प्रमुख कारण मच्छर का काटना ही होता है, ऐसे में अगर आप नीम तेल या नीम क्रीम का लेप शरीर पर लगाएं तो आप मच्छरों के काटने से बच सकते हैं। वैज्ञानिक लगातार नीम का मलेरिया के खिलाफ इस्तेमाल पर शोध भी कर रहे हैं। कुछ ने मलेरिया के उपचार और रोकथाम के संदर्भ में नीम आधारित उत्पादों के उपयोग की जांच भी की है।
पेट संबंधित बीमारियों में सहायक
आप तो जानते ही होंगे कि हमारी ज्यादातर बीमारियों की शुरुआत या जड़ पेट ही होती है। पाचन क्रिया बिगड़ने पर अचानक से हम कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में नीम बड़े काम आ सकता है। नीम में प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो पेट में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, संभावित रूप से बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकते हैं। साथ ही, नीम में सूजन-रोधी प्रभाव वाले गुण होते हैं जो पेट की परत में सूजन को शांत करने में मदद कर सकते हैं,
इसके अलावा अगर आपको अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है और अल्सर से बचना चाहते हैं तो भी इसका सेवन कर सकते हैं। नीम में संभावित अल्सर को रोकने वाले गुणों का अध्ययन किया गया है जो पेट की परत की रक्षा करने और अल्सर के विकास को रोकने में योगदान दे सकते हैं। जो नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
लीवर को स्वस्थ बनाए रखता है नीम का उपयोग
अगर आप डॉक्टर की परामर्श के साथ नीम कैप्सूल, नीम चाय, नीम पाउडर और नीम तेल मसाज करते हैं तो यह आपके लीवर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दरअसल नीम एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो लिवर कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। नीम लीवर की प्राकृतिक विषहरण प्रक्रिया का समर्थन करता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है, जिससे लीवर पर बोझ कम होता है।
इसके साथ ही, नीम में सूजन-रोधी प्रभाव वाले यौगिक होते हैं जो लीवर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे लीवर के समग्र स्वास्थ्य में मदद मिलती है। प्राचीन समय में नीम का इस्तेमाल लीवर से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता था। वर्तमान समय में Fatty Liver की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, इस समस्या में भी नीम सहायक हो सकता है।
रैशेज और घाव को खत्म करता है
अगर आपको कोई घाव हो जाता है या आप रैशेज की समस्या से जूझ रहे हैं तो नीम तेल या नीम का पेस्ट बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। सदियों से इसका इस्तेमाल घावों को भरने और ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। नीम में प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुणों वाले गुण होते हैं जो घावों और चकत्ते में जीवाणु संक्रमण को रोकने और मुकाबला करने में मदद करते हैं।
इसके साथ ही, नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों और एंटीफंगल गुणों की भरमार होती हैं जो प्रभावित क्षेत्र में सूजन को कम करते हैं और फंगल संक्रमण को और चकत्ते को ठीक करने में योगदान दे सकते हैं। नीम कोलेजन उत्पादन और ऊतक मरम्मत का भी समर्थन करता है जो घावों और कटौती की उपचार प्रक्रिया को तेज करता है।
गठिया दर्द और सूजन को दूर करता है
भारत में कई लोग ढलती उम्र में आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हैं। यह घुटनों में होने वाला एक रोग है जो असहनीय जानलेवा दर्द उत्पन्न करता है जो चलते समय परेशानी पैदा करता है तो इसमें नीम का अहम योगदान है नीम में (Anti-inflammatory properties ) होती हैं यह जोड़ों में सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे गठिया से पीड़ित व्यक्तियों को राहत मिलती है।
इसके साथ ही, नीम के तेल में चिकनाई वाले गुण होते हैं जो जोड़ों की गतिशीलता बेहतर करते हैं और गठिया वाले व्यक्तियों के जोड़ों की कठोरता को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, यह आर्थराइटिस के गंभीर रूप लेने को भी रोक सकता है। यह जोड़ों में उपास्थि (cartilage) की सुरक्षा में योगदान दे सकता है जो संयुक्त संरचनाओं की अखंडता का समर्थन करता है, संभवतः गठिया की प्रगति को धीमा कर देता है।
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है, न कि किसी बीमारी के इलाज के लिए। आर आप किसी भी बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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