प्राइवेट स्कूल यूनिफॉर्म से हटा हिजाब का बंधन, मॉर्निंग प्रेयर में ‘लव पे आती है दुआ Damoh.news

 Damoh news–: मध्य प्रदेश के एक निजी स्कूल में हिंदू छात्राओं की हिजाब में फोटो सामने आने के बाद प्रदेश में बवाल मच गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद कलेक्टर ने स्कूल की जांच की है। जांच के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं के हिजाबनुमा स्कॉर्फ पहनने का बंधन खत्‍म कर दिया है। साथ ही अल्लामा इकबाल की कविता का गायन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब से स्कूल में सिर्फ प्रातः कालीन प्रार्थना में अब केवल राष्ट्रगान ’जन गण मन’ होगा।

नहीं गाया जाएगा ‘लब पे आती है दुआ...’

बता दें कि स्कूल में अल्लामा इकबाल का गीत लब पे आती है दुआ गाया जाता था। मंगलवार को यह मामला सामने आया था। दमोह के गंगा जमना स्कूल में संचालक ने एक पोस्टर लगवाया था, जिसमें छात्राएं काले रंगे के हिजाबनुमा स्कॉर्फ बांधे हुए थीं। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने इस मामले को उठाया था, उसके बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिये थे। तब कलेक्टर ने कहा था कि गंगा जमुना स्कूल के एक पोस्टर को लेकर कुछ लोगों के द्वारा फैलायी जा रही जानकारी को लेकर थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराई गई थी, सभी तथ्य तलत पाये गये हैं।

सीएम की फटकार के बाद कलेक्‍टर का हिजाब पर एक्‍शन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को इस मामले की जांच के आदेश दिये। इसके बाद कलेक्टर ने जांच का दायरा बढ़ा दिया। सीएम के आदेश के बाद कलेक्टर ने ट्वीट करके जानकारी दी कि मुख्यमंत्री जी के सख्त निर्देश पर स्कूल मामले में गठित समिति द्वारा जांच जारी रहेगी। इस समिति में दमोह के डिप्टी कलेक्टर आरएल बागरी, उप पुलिस अधीक्षक महिला सेल भावना दांगी भी शामिल की गई हैं।

  • इसलिए बरसा है हंगाम
  • चार छात्राएं पहने दिखीं हिजाब
  • निजी स्कूल में लगे पोस्टर में छात्र-छात्राओं के जो फोटो लगे हुए हैं, उनमें सभी छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा अपने सिर पर लपेटा है। मुस्लिम छात्राओं के साथ चार हिंदू छात्राएं भी हिजाब पहने दिख रही हैं।
  • मामला दमोह के गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल से जुड़ा है। स्कूल ने अपने परीक्षा परिणाम से संबंधित एक पोस्टर स्कूल की दीवार पर लगाया है। इस पोस्टर में अधिकांश छात्राएं मुस्लिम धर्म से संबंध रखती है, लेकिन पोस्टर में दिख रही तीन छात्राएं हिन्दू हैं, लेकिन उनकी फोटो हिजाब में दिखाई दे रही है। पोस्टर के सामने आने के बाद कुछ नागरिकों ने हल्ला मचाते हुए स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लगाए दिये।

 

 

कानूनगो ने कहा- शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होगी

इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दो ट्वीट किए। इसमें स्कूल प्रबंधन की ओर से जारी पत्र को झूठ बताया। उन्होंने लिखा- स्कार्फ नहीं था हिजाब था। झूठ मत फैलाओ हाजी इदरीस! जांच चल रही है। आज (शुक्रवार को) राज्य बाल आयोग की टीम दमोह पहुंचेगी। जो कहना है, उससे कहना। मीडिया को प्रभावित कर जनभावनाएं भड़काकर सहानुभूति हासिल करने का ड्रामा चलने वाला नहीं है। चार्ल्स डारविन के मानव विकास क्रम के वैज्ञानिक सिद्धांत के विपरीत इस स्कूल में मानव उत्पत्ति का रूढ़िवादी इस्लामिक सिद्धांत सिखाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के जिन अधिकारियों ने इस स्कूल को मान्यता देते समय इन गम्भीर मुद्दों को नज़रंदाज़ किया उन पर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर दमोह कलेक्टर जांच कर रहे हैं। हाजी इदरीस बिल्डिंग की पुताई कर साक्ष्य मिटा रहा है। इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से नोटिस जारी किया जा रहा है।

राज्य बाल आयोग पहुंचा स्कूल

राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और मेघा पवार शुक्रवरा शाम को स्कूल पहुंचे। बच्चों को स्कार्फ पहनाने का कारण पूछा। इस पर स्कूल प्रिंसिपल अफसा शेख ने कहा कि अभी तक किसी ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। यह सुनते ही आयोग के सदस्य नाराज हो गए। कहा कि किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई तो क्या बुर्का पहना देंगे? स्कूल संचालक इदरीस खान ने कहा कि यह स्कूल का ड्रेस कोड है। जब कहा गया कि हिंदू धर्म में बच्चियों का सिर ढंकने की परंपरा नहीं है। इस आयोग के सदस्यों ने अभिभावकों से बात की, जिन्होंने आरोप लगाए थे। टीम के साथ दमोह तहसीलदार मोहित जैन और जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा मोजूद रहे। टीम के सदस्यों ने स्कूल की किताबों की जानकारी भी ली।

मुख्यमंत्री बोले- ऐसा स्कूल मध्य प्रदेश में चल नहीं पाएगा 

शाम को छतरपुर गौरव दिवस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे पता चला कि दमोह के एक स्कूल में बेटियों को सिर पर कुछ बांधकर ही आओ, ये नियम बना दिया था। उस व्यक्ति के नाम से जिसने भारत का विभाजन करवाया, उसकी कविता पढ़ाई जा रही थी। मैं सावधान करना चाहता हूं, मध्य प्रदेश की धरती पर ऐसी हरकतें नहीं चलेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नई शिक्षा नीति लागू की है, वहीं लागू होगी। उसके खिलाफ अगर कोई दूसरी चीज स्कूल में पढ़ाएगा या किसी बेटी को सिर पर स्कार्फ या कोई दूसरी चीज बांधकर आओ, इसके लिए मजबूर करेगा तो वैसा स्कूल मध्यप्रदेश में चल नहीं पाएगा। यह मध्यप्रदेश में नहीं चलने देंगे। शिक्षा नीति के हिसाब से यहां शिक्षा देने का काम होगा

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