बाल विवाह को परिवार कि समझाइश पर प्रशासन ने कराया निरस्त ।महिदपुर

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किसी लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह में औपचारिक विवाह तथा अनौपचारिक संबंध भी आते हैं, जहां 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे शादीशुदा जोड़े की तरह रहते हैं। बाल विवाह, बचपन खत्‍म कर देता है। बाल विवाह बच्‍चों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और संरक्षण पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है

मध्य प्रदेश में मार्च 2020 से दिसंबर 2021 तक बाल विवाह के 521 मामले सामने आए हैं। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 150 से अधिक रहा। इनमें से अधिकांश में पुलिस या स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर विवाह रुकवाए हैं। इस बार बाल विवाह सख्ती से रोकने की तैयारी है। सभी कलेक्टरों को कहा गया है कि वे सूचना तंत्र विकसित करें। इसमें शिक्षक, एएनएम, आशा एवं ऊषा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मातृ सहयोगिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम सचिव सहित अन्य की सेवाएं लें।

मुखबिर ग्राम, ब्लाक या जिला स्तर पर गठित बाल विवाह रोकथाम दल को बाल विवाह की सूचना के आधार पर व दल पुलिस के सहयोग से बाल विवाह रोका जा रहा है जिला प्रशासन को खासकर ऐसे विवाह कार्यक्रमों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है, जो शहर से दूर एकांत जगह पर किए जाते हैं। वहीं शहरों में भी बड़े आयोजनों पर नजर रखने के निर्देश हैं

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28 अप्रैल आज महिला एवं बाल विकास विभाग उज्जैन को शिकायत प्राप्त हुई कि ग्राम सेमलिया तहसील महिदपुर जिला उज्जैन मे बाल विवाह हो रहा है | जिस पर श्री साबिर अहमद सिद्धिकी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला उज्जैन द्वारा शिकायत पर संज्ञान लेते हुए बाल विवाह निरोधक दल को कार्यवाही के निर्देश दिये गए | जिसके पश्चात बाल विवाह निरोधक दल मे शामिल बाल विकास परियोजना कार्यालय महिदपुर क्रमांक -01 से श्रीमती मंगला कुंवर पर्यवेक्षक, श्री पुरुषोत्तम जाधव एवं श्रीमती देवकुंवर प्रधान आरक्षक, श्री रवि जाटव आरक्षक थाना महिदपुर की सयुंक्त टीम विवाह स्थल ग्राम सेमलिया तहसील महिदपुर जिला उज्जैन पर पहुची एवं सयुंत दल द्वारा घटनास्थल का दौरा कर उपस्थित जनों व परिजनों से पूछताछ की गई | जिसमे परिजनों (श्रीमती राजू बाई नानी जी, श्रीमती माया मामी जी एवं श्रीमती सीता बाई मौसी जी) द्वारा बताया गया की श्री मांगीलाल की पुत्री का विवाह, 03 मई .23 को होना निर्धारित है | टीम द्वारा उक्त बालिका के परिजनों से बालिका के उम्र संबंधी प्रमाणीकरण दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया | जिसके पश्चात बालिका के परिजनों द्वारा बालिका के उम्र के संबंध मे माँ गायत्री शिशु मंदिर माध्यमिक विद्यालय शेरपुर खुर्द तहसील आलोट जिला रतलाम की अंक सूची प्रस्तुत की गयी , जिसमे दर्ज जन्म तिथि 02.03.2006 के आधार पर मांगीलाल की पुत्री नाबालिग पायी गयी | टीम द्वारा बालिका के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के टीम द्वारा बालिका के परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों की जानकारी दी गई कि बालिका की आयु 18 वर्ष एवं बालक की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना आवश्यक है | यदि आयु कम होने पर परिजनों द्वारा बालिका का विवाह करवाया जाता है तो वह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की श्रेणी में आता है एवं अधिनियम के तहत परिजनों एवं सम्मिलित लोगो के विरुद्ध अधिनियम की धारा 10 एवं 11 के तहत 2 वर्ष का कारावास एवं 1 लाख रूपए के जुर्माने से दण्डित किए जाने का प्रावधान है | जिसके पश्चात परिजनों द्वारा स्वयं स्वीकार किया गया की बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम है बालिका के परिजनों द्वारा बालिका का विवाह निरस्त करते हुए बालिका का विवाह बालिग होने के पश्चात ही विवाह किये जाने की लिखित में स्वीकृति दी।

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