सरकारी कार्यालयों में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम महज औपचारिकता बनकर रह गया है. लोक सूचना अधिकारियों की लापरवाही के चलते आवेदक सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
जानें अपने अधिकार को
लेकिन गुना में एक महिला को (RTI)आरटीआई की जानकारी नहीं देना तहसीलदार को भारी पड़ गया. गुना के तत्कालीन तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के खिलाफ सूचना आयोग ने आदेश जारी करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आयोग ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को दोषी माना है.
मध्य प्रदेश के गुना में एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां पर तहसीलदार को सूचना देना भारी पड़ गया है तहसीलदार के खिलाफ 25 हजार का जुर्माना ठोंका गया है राज्य सूचना आयोग ने इसे ‘सूचना का अधिकार अधिनियम’ (RTI) का घोर उल्लंघन माना है. जानकारी नहीं देने पर तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की गई है
तहसीलदार को सूचना देना भारी पड़ गया है. तहसीलदार के खिलाफ 25 हजार का जुर्माना ठोंका गया है. राज्य सूचना आयोग ने इसे ‘सूचना का अधिकार अधिनियम’ (RTI) का घोर उल्लंघन माना है. गुना में एक महिला को आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देने पर तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई हो गई. गुना के तत्कालीन तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के खिलाफ सूचना आयोग ने आदेश जारी करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका है. आयोग ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को दोषी माना है.
दरअसल गुना में सकीबाई नाम की महिला ने पति रघुवीर सिंह कुशवाह के मकान तोड़ने की जनकारी मांगी थी. आवेदिका ने विभाग के प्रचलित नियम के तहत लिखित जानकारी मांगी थी. फरियादी महिला ने करीब तीन साल पहले 19 मार्च 2021 को आरटीआई के आवेदन तहसील कार्यालय में लोक सूचना अधिकारी संदीप श्रीवास्तव को दिया था लेकिन जानकारी नहीं मिली. उसके बाद एसडीएम कार्यालय में करीब एक साल बाद 18 फरवरी 22 को अपील की लेकिन जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. फरियादी सकीबाई ने सूचना आयोग के समक्ष दिनांक 31 मई 22 को आवेदन दिया.
ये था पूरा मामला
जिसमें आवेदिका सकीबाई ने बताया कि उसने सरकारी जमीन पर मकान बनाया था. तहसील कार्यालय ने 5 हजार रुपये का जुर्माना भी सकीबाई के नाम दर्ज किया था. जबकि मकान पर कब्जा उसके पति रघुवीर कुशवाह का था. तहसील कार्यालय के कर्मचारियों ने अतिक्रमण के बदले 3 लाख रुपये भी वसूले थे, लेकिन आरटीआई मांगी गई तो चक्कर कटवाए गए.
तहसीलदार अब खरगोन में पदस्थ
सूचना आयोग ने बताया कि विभाग के प्रचलित नियम के तहत आवेदन देने के बावजूद महिला सकीबाई को आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया जो कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 5(3) का उल्लंघन है. संबंधित लोक सूचना अधिकारी तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव जो वर्तमान में खरगोन जिले में पदस्थ हैं. उनके खिलाफ 25 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने के निर्देश दिए गए हैं. महिला को न ही आरटीआई के बदले में जानकारी दी गई और न ही नकल उपलब्ध कराई गई.