सबसे पहले जानिए मामला क्या है?
जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में रहने वाला 9 साल का इंद्र मेघवाल सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता था। 20 जुलाई को बच्चे ने स्कूल में रखे एक मटके से पानी पी लिया था। इस बात पर शिक्षक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी। घर पहुंचने पर उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ी तो पिता देवाराम ने उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन बच्चे की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे उदयपुर रेफर दिया।
जहां कई दिन चले इलाज के बाद उसकी तबियत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजन उसे अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में लेकर चल गए। जहां कई दिन चले इलाज के बाद बीते शनिवार को बच्चे की मौत हो गई थी। प्राथमिकी जांच में सामने आया है कि उसके पिटाई से उसके कान की नस फट गई थी। उसका एक हाथ और पैर भी ठीक से काम नहीं कर रहा था।
जालौर में दलित छात्र की मौत मामले में सचिन पायलट जालौर दौरे पर
जालोर जिले के सुराणा गांव में स्कूल टीचर की पिटाई से 9 साल के दलित छात्र की मौत के बाद सचिन पायलट गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे.
घटना राजस्थान के जालौर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव की है. पुलिस का कहना है कि परिजन की तहरीर पर टीचर के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट और धारा 302 के तहत केस दर्ज किया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. स्कूल प्राइवेट तौर पर संचालित होता है. वहीं, सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर सरकार को घेरा है.
राजस्थान के जालोर में जरा सी बात पर मासूम बच्चे की जान लेने वाला टीचर गिरफ्तार हो गया है. घटना से हर कोई हैरान है. इस टीचर ने इतनी बेरहमी से पिटाई की थी कि बच्चे की कान की नस फट गई और हालत बिगड़ गई. परिजन गुजरात के अस्पताल तक लेकर गए, लेकिन जान नहीं बच सकी. परिजन बच्चे के इलाज के लिए 25 दिन तक भटके. मगर किसी ने सुध नहीं ली. यहां तक कि आरोपी टीचर की तरफ से कोई मदद नहीं दी गई.
ये हैवान टीचर सिर्फ इस बात पर आगबबूला हो गया था कि बच्चे ने स्कूल में उसके घड़े (मटका) का पानी पी लिया था. बच्चा अनुसूचित जाति के परिवार से ताल्लुक रखता था. इस घटना को लेकर पूरे देश में नाराजगी देखने को मिल रही है. जालोर एसपी ने मामले की जांच सीओ को सौंपी है.
घटना जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा की है. पुलिस का कहना है कि परिजन की तहरीर पर टीचर के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट और धारा 302 के तहत केस दर्ज किया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. स्कूल प्राइवेट तौर पर संचालित होता है. वहीं, सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर सरकार को घेरा है.
बच्चे को 20 जुलाई को पीटा, पहले उदयपुर लेकर पहुंचे
परिजन का कहना था कि सुराणा गांव में ही सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल संचालित है. यहां उनका बच्चा इंद्र कुमार (9 साल) तीसरी कक्षा का स्टूडेंट था. चाचा किशोर कुमार मेघवाल ने सायला पुलिस थाने में शिकायती पत्र दिया है. उन्होंने बताया कि बच्चा इंद्र कुमार 20 जुलाई को स्कूल में पढ़ने गया था, वहां उमस और गर्मी की वजह से प्यास लगी और आसपास पानी नहीं दिखा तो उसने एक घड़े में रखा पानी गिलास में भरा और पी लिया. ये पानी का घड़ा टीचर छैलसिंह (40 साल) के लिए अलग से रखा हुआ था. बच्चे बताते हैं कि इस घड़ा से किसी को पानी पीने की इजाजत नहीं होती थी. घड़े के पानी को सिर्फ टीचर छैल सिंह ही पीता था.
टीचर को पता चला तो बौखला गया
परिजन कहते हैं कि बेटे इंद्र कुमार ने गलती से पानी पी लिया था. लेकिन, जैसे ही टीचर छैल सिंह को पता चला तो उसने बच्चे को बुलाया और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया. उसके बाद मारपीट करना शुरू कर दी. इस दौरान बेरहमी की हदें पार कर दी और बच्चे को इतना पीटा कि उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आईं. बाद में छात्र ने घर पहुंचकर पिता को घटना की जानकारी दी.
पहले सोचा थोड़ी चोट लगी होगी…
परिजन ने बताया कि पहले सोचा था कि थोड़ी चोट लगी होगी, इसलिए पिता बच्चे के लिए चुराना के एक मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर आए. ज्यादा दर्द होने पर उसे उदयपुर लेकर गए. वहां डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए तो अहमदाबाद के सिविल अस्पताल उपचार में लेकर पहुंचे. लेकिन 13 अगस्त (शनिवार) की शाम चार बजे इंद्र कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई.
हम अपने बेटे को नहीं बचा सके…
पिता देवाराम मेघवाल ने बताया कि मेरा बच्चा सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल सुराणा में पढ़ता था. उसने पानी पीने के लिए मटके को छुआ तो मास्टर छैलसिंह ने पीटा, जिससे उसके कान की नस फट गई. उसके चेहरे और कान में चोटें आईं और वह लगभग बेहोश हो गया था. पहले बच्चे को जालोर के जिला अस्पताल लेकर गए. वहां से उदयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया. बाद में अहमदाबाद पहुंचे. उसका इलाज अहमदाबाद में करवाया गया, मगर हम उसे बचा नहीं सके. इतना कहते ही देवाराम की आंखें डबडबा गईं और खुद को रोने से नहीं रोक सके.
ना उदयपुर, ना अहमदाबाद… कहीं नहीं मिला आराम
पिता कहते हैं कि उदयपुर के अस्पताल में बेटा एक हफ्ते तक भर्ती रहा. लेकिन, उसकी हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा था, जिसके बाद उसे अहमदाबाद ले गए. वहां भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ.
पुलिस बोली- बर्तन छूने के आरोप की जांच करेंगे
वहीं, राज्य शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है. राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी मामले को संज्ञान में लिया है और जांच के लिए केस ऑफिसर बनाने के आदेश दिए हैं. जालोर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि बच्चे को बुरी तरह से पीटा गया था. परिजन ने पिटाई की वजह पीने के पानी के बर्तन को छूना बताया है. हालांकि, अभी तक जांच नहीं की गई है.
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया
उन्होंने कहा कि हमने शिक्षक छैल सिंह के खिलाफ धारा 302 और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है. शिक्षा विभाग ने दो अधिकारियों से मामले की जांच कर प्रखंड शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.
आज भी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहा दलित: बेनीवाल
राजस्थान के जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट करने के कारण कक्षा 3 के दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मृत्यु का मामला गर्माया हुआ है। इस बीच आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने घटना को अत्यंत दु:खद बताते हुए राजस्थान पुलिस के महानिदेशक एमएल लाठर से दूरभाष पर वार्ता की।
सांसद बेनीवाल ने राजस्थान सरकार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल करते हुए पूछा कि एक तरफ पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है दूसरी तरफ देश के विभिन्न हिस्सों में दलित तबका आज भी असली आज़ादी पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
उन्होंने राजस्थान के विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों और देश के कई राज्यों का जिक्र किया। आरएलपी सांसद ने कहा कि ऐसे स्थानों पर सामंतवाद की सोच से प्रेरित लोगों की वजह से दलितों को छुआछूत,भेदभाव जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है और दलित दूल्हों को घोड़ी से उतार देना, बराबरी करने पर दलितों की हत्या कर देने जैसी घटनाएं आजादी के दशकों बाद भी हो रही है जो चिंताजनक है।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो उसकी सुनिश्चितता आखिर कब तक होगी ? वहीं बेनीवाल ने कहा कि जालोर जिले के इस मामले में राज्य सरकार दिवंगत बालक के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देकर मामले में इतिश्री करने का प्रयास कर रही है। यह जानकारी भी संज्ञान में आ रही है कि पीड़ित पक्ष को जबरन आंदोलन करने से रोका जा रहा है जो उचित नहीं है।
मुआवज़े देकर मुँह पर ताला लगा रही सरकार: चद्रशेखर
आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने भी गहलोत सरकार को घेरते हुए निशाना साधा है। मृतक छात्र के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से मुआवज़ा दिए जाने के संबंध में उन्होंने नाराज़गी जताई है
मुख्यमंत्री द्वारा छात्र के परिजनों को 5 लाख रुपए सहायता राशि दिए जाने पर चंद्रशेखर ने कहा, ‘राजस्थान के पूरे दलित समाज को बधाई हो। मुख्यमंत्री जी ने हमारे 9 साल के भाई की जान की कीमत 5 लाख रुपए लगाई है। मुख्यमंत्री जी चाहते है कि 5 लाख रूपए लो और अपने मुँह पर ताला लगा लो। जब भविष्य में किसी जितेंद्र या इन्द्र की हत्या हो तब रोना और चिल्लाना।
‘न्याय में भी दोहरा मापदंड‘
चंद्रशेखर ने कहा, ‘न्याय मांगने पर इंटरनेट बंद कराकर पुलिस के द्वारा दलितों की चमड़ी कैसे उधेड़ी जाती है और मृतक के पिता व उनके परिजनों को कैसे पिटवाया जाता है यह मुख्यमंत्री से सीखे। मुख्यमंत्री जी आज आपकी लाठियां इन्द्र कुमार के परिवार पर नहीं, पूरे दलित समाज की पीठ पर पड़ी हैं। हम भूलेंगे नहीं।’
न्याय नहीं मिला तो जाऊंगा जालोर : डॉ मीणा
राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लिया है। डॉ मीणा ने कहाँ, ‘आजादी के अमृत महोत्सव में स्वयं को राजस्थान का गांधी कहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में दलित छात्र की निर्मम हत्या अन्याय की पराकाष्ठा है। दोषी को ऐसी सजा मिले कि दोबारा ऐसी घटना न हो। मेरी मांग है कि छात्र के परिजनों को 50 लाख रुपए व सरकारी नौकरी दी जाए।
सांसद ने कहा कि दलित छात्र को न्याय दिलाने के लिए एकत्रित लोगों को पुलिस ने खदेड़कर जबर्दस्ती अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया है। पुलिस दलित भाइयों को अकेला ना समझे। अगर न्याय नहीं मिला तो मैं भी जल्द ही जालौर की धरती पर पहुंच रहा हूं।
पीड़ित परिवार को दिया जल्द न्याय का भरोसा मुख्यमंत्री ÷अशोक गहलोत
रविवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा, शिक्षक की पिटाई से छात्र की मृत्यु दुखद है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या और एससी /एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है। मामले के त्वरित जांच और दोषी को जल्द सजा दिलाने के लिए केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा। मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये सहायता राशि भी दी जाएगी।