खरगोन से करण चरोले कि रिपोर्ट
खरगोन – अक्टूबर 22/देश में बदलते जीवन परिवेश और जीवनचर्या के कारण न सिर्फ गंदगी बढ़ने लगी है। बल्कि गन्दे जल का प्रतिशत भी बढ़ने लगा है। जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचने लगा है। ऐसे में इस मुसीबत को दूर करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक से एक ऐसी संरचनाएं है जिनसे इस जोखिम को बहुत हद तक दूर किया जा सकता है। खरगोन जिले में पूर्व में डब्ल्यूएसपी के माध्यम से गंदे पानी को साफ करने का महारत पहले ही हासिल कर लिया गया है। आज जिले में नर्मदा नदी किनारे के गांवों में 143 डब्ल्यूएसपी बनाएं गए हैं। अब इसी श्रेणी में पानी को एक तरह से कृत्रिम झीरी बनाकर साफ करने का अनुपम सफल ड्वाट्स प्रयोग किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खरगोन जिले के बालसमुद में एक अनोखी जलसंरचना स्थापित है। जो किसी प्राकृतिक झीरी से कम नहीं है। ये झीरी गंदे और बदबूदार पानी को साफ करने में सफल हुई है। ड्वाट्स के माध्यम से साफ हुए पानी का भले ही किसी अन्य प्रायोजन में उपयोग नहीं लाया जा सकता। लेकिन जल की बदबू और गंदगी को स्वच्छ जरूर किया जा सकता है।
जिला पंचायत सीईओ श्री दिव्यांक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में यह पहला प्रयोग है जो किसी गंदे नाले के पानी को साफ करके किसी नदी में छोड़ा जा सके। खरगोन जिले में ऐसी कई बड़ी पंचायतें है जहां गंदगी युक्त नाले किसी नदी में जा मिलते हैं। उन्हें साफ और गंदगी मुक्त करने में ड्वाट्स कारगर साबित हो सकते हैं।
यह ड्वाट्स बालसमुद गांव में भुसावल-चित्तोड़गढ़ हाइवे पूल के नीचे बनाया गया है। इस पूल के नीचे गांव की बड़ी-बड़ी दुकानों व प्रतिष्ठानों से गंदा पानी होकर एकत्रित होता है।
ऐसे काम करता है ड्वाट्स
5000 से अधिक जनसंख्या वाले बस्ती में करीब 90 घर है। यहां 10 मीटर लंबाई वाली ड्वाट्स संरचना बनाई गई है। इसके अंदर की ओर 6 चेम्बर बने हैं जिसके अंदर से गंदा पानी गुजरता है। 6 चेम्बर 1.5 मी. लंबाई और से 2 मी. चौड़ाई तथा 2 मीटर गहराई में बने है। जिसमे बोल्डर, रेत, गिट्टी आदि के बेड बनाये गए हैं। इन बेड्स से पानी गुजरने के बाद साफ पानी ड्वाट्स के अंतिम छोर पर तीन पाइप से बाहर निकलता है। यह औद्योगिक नगर या ऐसे क्षेत्र में जहां गन्दे नाले या बड़ी-बड़ी नालियां अधिक संख्या में बनी है और नदी में मिलते हैं। वहाँ ड्वाट्स बहुउपयोगी साबित हो सकता है। इस ड्वाट्स की लागत 5 लाख रूपये है। जनपद सीईटो मीना झा ने बताया कि इस ड्वाट्स की डिजाइन के अनुसार 24000 लीटर प्रतिदिन पानी को साफ करने की क्षमता है।
जल को स्वच्छ करने के लिए खरगोन में दो सफल संरचनाये
जिले में बहते जल को साफ करने कर लिए डब्ल्यूएसपी बनाये गए है। जो 143 स्थानों पर नर्मदा किनारे बने है। जिससे नर्मदा नदी में गन्दे पानी को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संरचना मानी गई। इसमे गंदे पानी को स्थिर करके उसमें मौजूद बीओडी और सीओडी को एक-एक कुंड में जमा किया गया। अब इसी तरह ड्वाट्स के माध्यम से पानी को सफलतापूर्वक साफ किया जाने लगा है।
सफलता की कहानी
कृत्रिम झीरी बनाकर गंदे और बदबूदार पानी को साफ करने का अनुपम प्रयोग बालसमुद में
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सफल हुई ड्वाट्स संरचना
बालसमुद में गंदे और बदबूदार पानी को साफ करने के लिए ड्वाट्स बनाया गया।
यह एक प्राकृतिक झीरी के समान ही है। हालांकि इस पानी का उपयोग पेयजल में नही हो सकता। @CMMadhyaPradesh @JansamparkMP @comindore pic.twitter.com/yA0toGOiyc— PRO JS Khargone (@PROJSKhargone) October 16, 2022