



Indore jaanapaav news
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पावन स्थली जानापाव में भगवान परशुराम लोक के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। उन्होंने भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव की पहाड़ी तक नर्मदा जल लाने तथा रोपवे लगाने के प्रयास प्रारंभ करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जानापाव में 10 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत से परशुराम लोक का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह तीर्थस्थल सर्व सुविधाओं से युक्त बनाया जायेगा। इससे हर श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिलेगा। इस मौके पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री बी.डी. शर्मा, युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे, सांसद सुश्री कविता पाटीदार तथा श्री छतर सिंह दरबार, विधायक श्री रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक श्री राजेश सोनकर, इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री गोलू शुक्ला, महंत श्री भालेश्वर महाराज और श्री योगेश्वर सहित अन्य साधु-संत, जनप्रतिनिधिगण विशेष रुप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान परशुराम की जन्मस्थली तथा अनेक नदियों के उद्गम स्थली जानापाव पहुंचकर भगवान परशुराम के नवनिर्मित मंदिर में पूजन अर्चन किया और पवित्र जल कुण्ड के दर्शन किये।
एक माह पुर्व कि थी घोषणा काम भी शुरू हुआ
उन्होंने कहा कि पिछले अप्रैल माह में जब वे यहां आए थे तो यहाँ पर परशुराम लोक बनाए जाने की घोषणा की थी। लगभग एक माह की अवधि में प्रदेश की सरकार ने इस परशुराम लोक बनाये जाने की घोषणा पर अमल प्रारंभ कर दिया। विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये स्वीकृति देकर आज भूमिपूजन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, लेकिन धर्म उसका आधार होता है। प्राचीन काल में भी शासक वर्ग पनघट, मंदिर, धर्मशाला एवं सार्वजनिक प्रयोजन के निर्माण कराते थे। मध्यप्रदेश की सरकार भी विकास के विभिन्न कार्यों के साथ-साथ विभिन्न धर्मस्थलों का विकास भी करा रही है। उन्होंने कहा की जनता के विकास और सुविधाओं के लिए योजना भी बने और ऐसे पावन लोक भी बनें। प्रदेश सरकार इसके लिए सचेष्ट होकर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इतनी ऊँची पहाड़ी पर माँ नर्मदा का जल लाना एक कठिन कार्य है, लेकिन विभिन्न चरणों में पंपिंग के द्वारा यहाँ नर्मदा का जल लाया जाएगा।
क्षेत्रीय विधायक एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज यह पावन स्थली श्रद्धालुओं के लिए अनेक सुविधाओं से युक्त हो गयी है। परशुराम लोक निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ है। वहीं ढाई करोड़ रूपये की लागत से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया गया है। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि भगवान परशुराम के फरसे से ही देवभूमि केरल का निर्माण हुआ था। भगवान परशुराम न केवल हमारे आराध्य हैं बल्कि वे भारत की सांस्कृतिक एकता के आधार भी हैं। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महू क्षेत्र के 90 ग्रामों ने एक अनोखी पहल की है।
ऐसा बनेगा परशुराम लोक
23 अप्रैल मुख्यमंत्री जानापाव आए थे। तब परशुराम लोक की घोषणा की है। महज 36 दिन में इस प्रोजेक्ट को तैयार मंगलवार को भूमि पूजन किया गया। जानापाव में 10 करोड़ 32 लाख रुपए की लागत से परशुराम लोक को आकार दिया जाएगा। यहां कुंड का विकास, ऑडिटोरियम, ध्यान कुटीर, हर्बल गार्डन, फेंसिंग, बहुउद्दशीय भवनए लैंड स्केपिंग, जनसुविधाओं का विकास आदि बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि आने वाले समय में रोपवे भी बनाया जाएगा. जिसको लेकर विचार किया जा रहा है। ताकि आने जाने में दिक्कत न हो।
इन ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा जानापाव में अखंड शिव कीर्तन प्रारंभ किया जायेगा। एक दिन में तीन गांवों की टोलियां यहां आकर निरंतर संकीर्तन करेंगी। यह 24 घंटे लगातार होगा। इससे यहां जानापाव की तपोभूमि और भी अधिक ऊर्जित होगी।
सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज गौरव का दिन है कि जानापाव में भगवान परशुराम जी की प्रतिमा का अनावरण हुआ है। जानापाव को तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस भूमि से धर्म और अध्यात्म का भाव पैदा होता है। देशभक्ति की प्रेरणा भी यहां से मिलती है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम लोक विकसित करना मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है।
जानापाव की पहाड़ी पर भी पहुँचेगा नर्मदा का जल, रोपवे भी लगेगा – मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की घोषणा।
ऐसे पहुंचेगा नर्मदा जल
मुख्यमंत्री चौहान ने महेश्वर-जानापाव लिंक योजना को लेकर कहा कि यहां पहाड़ी तक पानी लाने के लिए 7 स्टेप निर्धारित की गई है। जिसमें पंपिंग स्टेशन-1 से लेकर 7 तक में अलग-अलग सेंटीमीटर में पानी चढ़ाना होगा। नर्मदा को जानापाव लाने में 1 हजार 93 करोड़ 70 लाख रुपए का खर्च आएगा। 4 लाख 16 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से पानी आएगा। जो कि काफी महंगा है। इसलिए सिंचाई और पेयजल के लिए जलकर देना होगा। अब तक इस प्रोजेक्ट में तहसील के 45 गांव के नाम थेए जिसमें 21 गांव के और नाम जोड़े गए हैं। प्रोजेक्ट की डीपीआर बन चुकी है। आगे की कार्रवाई की जा रही है
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