सीहोर : दो दिनों बाद 8 किलोमीटर दूर मिला लापता हुए पटवारी का शव, गाड़ी भी मिली, लेकिन तहसीलदार का नहीं चल सका पता

सुनील मालवीय

सीहोर ÷ मध्यप्रदेश के ज्यादातर इलाकों में तेज बारिश का दौर जारी है। नर्मदा, चंबल, बेतवा, ताप्ती, शिप्रा उफान पर हैं। छोटी नदियां और नाले भी उफनाए हुए हैं। कई बांधों के गेट खोलने पड़ गए हैं। मौसम विभाग ने गुना, राजगढ़, आगर मालवा, रतलाम, नीमच और मंदसौर जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। इधर शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया तहसील में पदस्थ तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर सीहोर के पास सिवान नदी में पुलिया पार करते हुए बह गए हैं। उनकी तलाश जारी है।

भोपाल-इंदौर हाईवे के पास स्थित रफीकगंज में एक फार्म हाउस से पार्टी मनाकर लौट रहे तहसीलदार और पटवारी लापता हो गए थे। दो दिनों के बाद सीहोर निवासी पटवारी महेंद्र रजक का शव सीहोर से 8 किलोमीटर दूर लाड़पुर के पास मिला है। रेस्क्यू के दौरान गाड़ी भी मिल गई, लेकिन अब तक तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का पता नहीं चल सका है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर पार्वती नदी में भी जा सकते हैं। फिलहाल तहसीलदार को खोजने के लिए टीम जुटी हुई है।

जानकारी के अनुसार रविवार की रात फार्म हाउस से पार्टी मनाकर लौट रहे सीहोर निवासी तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर जो सिवनी-मालवा में पदस्थ थे एवं सीहोर निवासी पटवारी महेंद्र रजक जो कि नसरूल्लागंज तहसील में पदस्थ थे, लापता हो गए। जब सोमवार की सुबह तक दोनों घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने मंडी थाने में उनके गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद मंडी पुलिस ने उनकी तलाशी शुरू की। इस दौरान कई सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। एनडीआरएफ, होमगार्ड के जवानों की मदद भी ली गई। इसके बाद पुलिस टीम ने एनडीआरएफ, होमगार्ड जवानों के साथ करबला पुल के पास से उनकी तलाशी शुरू की। गोताखोरों को भी लगाया गया। आखिरकार बुधवार को सुबह पटवारी महेंद्र रजक का शव सीहोर से 8 किलोमीटर दूर लाड़पुर के पास मिला। गाड़ी करबला के पास अवंतिपुर में मिली।

तहसीलदार का नहीं चल सका पता

हादसे में लापता हुए तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का अब तक पता नहीं चल सका है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि वे बहकर पार्वती नदी में भी जा सकते हैं। दरअसल करबला पुल पर पानी तेज होने के कारण उनकी आई 20 गाड़ी बह गई थी। यह नाला अंवतीपुरा, बड़ोदिया से होते हुए पार्वती नदी में मिलता है। इसके कारण संभावनाएं जताई जा रही हैं कि तहसीलदार पार्वती नदी में भी बहकर जा सकते हैं। ऐसे में रेस्क्यू करने में खासी परेशानियां भी आएंगी। यहां बता दें कि गत वर्ष भी ऐसा ही एक हादसा हो गया था, जिसमें एक महिला बह गई थी। बाद में महिला का शव पार्वती नदी में मिला था।

परिजनों ने कराई थी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट-

भोपाल-इंदौर हाईवे के पास स्थित रफीकगंज में एक फार्म हाउस पर तहसीलदार, पटवारी अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाने के लिए गए थे। पार्टी मनाने के बाद नरेंद्र ठाकुर और महेंद्र रजक आई 20 कार में एवं उनके साथ पार्टी में गए राहुल आर्य और महेंद्र शर्मा एक दूूसरी कार में सवार हो गए। दोनों कारें एक साथ फार्म हाउस से निकलीं थीं। इसके बाद राहुल आर्य और महेंद्र शर्मा तो अपने घर पहुंच गए, लेकिन तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर और पटवारी महेंद्र रजक सुबह तक घर नहीं पहुंचे। दोनों के फोन भी बंद हो गए थे। सुबह जब परिजनों ने उनका पता किया तो फोन बंद था और कहीं पर भी उनका पता नहीं चल सका। इसके बाद नरेंद्र ठाकुर और महेंद्र रजक के परिजनों ने मंडी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू कर दी थी।

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