कपास के दाम कम मिलने से किसानो मे आक्रोश महेश्वर रोड पर किया चक्काजाम।

बड़वाह  से करण चरोले

महेश्वर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में धनतेरस के दिन कपास की इस सीजन की सबसे अधिक आवक रही। लेकिन किसानों को कम दाम मिलने के कारण वे निराश नजर आए। किसानों के विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम करने के बाद एसडीओपी विनोद दीक्षित, कृषि विस्तार अधिकारी बीएस सेंगर की समझाईश के बाद वापस खरीदी तो शुरू हो गई थी,लेकिन किसानों को न्यूनतम 5000, मॉडल भाव 7800 तो अधिकतम 8100 का भाव ही मिल सका। यही भाव पहले भी व्यापारियों द्वारा दिया जा रहा था। हांलाकि बाद में शांति से नीलामी प्रक्रिया चलते रही, एक-एक करके सभी गाड़ियां, वाहनों में रखे कपास की खरीदी पूरी हुई। बड़वाह मंडी में 130​​​​​​​ बैलगाड़ी, 104 वाहन और 22 पोटले की आवक रही।

 

 

इसके पहले किसानों ने अधिकारियों के सामने मंडी सचिव रंजना टिकेकर पर आरोप भी लगाया था कि खरीदी शुरू होने से आखरी तक भी मंडी सचिव कभी भी नीलामी प्रक्रिया में नहीं पहुंचती है। यही कारण है कि व्यापारियों के बीच साठगांठ होने के कारण किसानो को उपज के अच्छे दाम नही मिलते है।

उल्लेखनीय है कि किसानो ने मण्डी गेट को बंद करके सड़क पर चक्काजाम कर दिया था। सूचना मिलते ही एसडीओपी विनोद दीक्षित, प्रभारी टीआई राम आसरे यादव, कृषि विस्तार अधिकारी बीएस सेंगर मौके पर पहुंचे थे। किसानों ने सड़क पर बैलगाड़ी खड़ी करके आवागमन को बंद कर दिया था।

 

करीब डेढ़ घंटे तक विरोध प्रदर्शन चलते रहा। इसके बाद एसडीओपी की समझाईश के बाद किसानों ने चक्काजाम तो खोल दिया था, लेकिन मंडी गेट को बंद करके विरोध प्रदर्शन जारी था। इसके बाद एसडीओपी, कृषि विस्तार अधिकारी ने करीब आधे घंटे तक किसानों और व्यापारियों को समझाने का प्रयास किया। अधिकारियों के निर्देश पर मण्डी सचिव टिकेकर ने जिले की अन्य मण्डियो के भाव भी दूरभाष पर लिए गए। इसके बाद व्यापारियों को सभी मंडियो के भाव बताने के बाद वापस खरीदी शुरू करने के तैयार हुए। हांलाकि किसानों का कहना था कि व्यापारी कुछ ही गाड़ियां आठ हजार के भाव में खरीदते है, अधिकतर गाड़ियां सात हजार 200 से भी नीचे खरीदा जा रहा था। कारण विरोध प्रदर्शन करना पड़ा था।

चक्काजाम से दोनों ओर लगा लम्बा जाम

सुबह 11 बजे कृषि उपज मंडी में कपास की खरीदी हुई थी|मंडी कर्मचारियों द्वारा नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई। किसान अपने कपास व्यापारियों के सामने रख रहे रहे थे एवं व्यापारी कपास की क्वालिटी अनुसार बोली लगा रहे थे। इस दौरान करीब 40 बैलगाड़ी कपास बिक चुका था। जिसमें कपास न्यूनतम 5 हजार,माडल भाव 7500 एवं अधिकतम 8 हजार 80 बिका। इसी बीच किसानो ने व्यापारियों भाव बढ़ाने का आग्रह किया। जब भाव बीते दो दिन से भी कम मिले तो किसान आक्रोशित हो उठे एवं विरोध का स्वर मुखर करते हुए उन्होंने खरीदी बंद करवादी। इसके बाद सड़क पर जाकर चक्काजाम कर दिया। पुलिसकर्मियों ने भी मौके पर पहुंचकर किसानो को समझाने की कोशिश की,लेकिन जब तक दोनों तरफ से लम्बा जाम लग गया था।

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