



बड़वाह – नर्सिंग होम एवं निजी अस्पतालों के पंजीयन निरस्त करने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सनावद बडवाह बैडिया के समस्त अस्पताल एवं प्रायवेट चिकित्सक अपनी सेवाओं को बंद करने को लेकर जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के नाम का ज्ञापन गुरुवार को अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम बी.एस.कलेश एव स्वास्थ अधिकारी राजेन्द्र मिमरोड़ को सौपा गया|ज्ञापन का वाचन सनावद बडवाह बैडिया एसोसिएशन सुभाष मोरी धर्मचंद पटेल ने बताया कि जिन मापदण्डो को मानकर पंजीयन निरस्त किये गये है|अस्पताल संचालको द्वारा पूरी कर चुके हैं।फायर सेफ्टी एनओसी के लिये समस्त अस्पताल संचालक पिछले तीन माह से प्रयासरत है।किन्तु इस विषय को डील करने एनओसी एवं की प्रक्रिया को सुचारू रूप से कैसे शुरू किया जाये|जिले में कोई स्पष्ट रूप से फायर ऑथोरिटी या प्रशासनिक डेस्क सीएचएमओ खरगोन या जिला कार्यालय खरगोन से उपलब्ध नहीं कराया गया है।यह कि समस्त अस्पताल जिनका पंजीयन बडवाह सनावद क्षेत्र में निरस्त किया गया है|क्वालीफाईड एवं अनुभवी चिकित्सकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।समस्त निमाड क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं को आमजन तक सस्ते दामो उपलब्ध कराने एवं गंभीर से गंभीर जटिल बीमारियों के इलाज में इन अस्पतालों ने अग्रणी भूमिका निभाई है।
असुविधा के लिये प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा
प्रायवेट चिकित्सक संचालक अजय मालवीय राजेश पटीदार डॉ प्रवीण अधिकारी डॉ जयप्रकाश चौहान डॉ ओपी टेंगर सिसटर ग्रेसी डॉ राजेन्द्र मंडलोई ने बताया कि 2 दिसंबर शुक्रवार तक जिला स्वास्थ अधिकारी या जिलाधीश द्वारा जिन मापदण्डो को मानकर पंजीयन निरस्त किये गये है|उन्हे पुनः संचालित करने का आदेश पारित करें|संबंधित मांग का निराकरण नहीं होता है तो सनावद बडवाह वैडिया के समस्त अस्पताल एवं प्रायवेट चिकित्सक अपनी सेवाओं को बंद कर अनिश्चितकालीन स्वास्थ्य सेवाएं नहीं देने के लिये बाध्य होने एवं आमजनता को स्वास्थ्य संबंधी होने वाली असुविधा के लिये प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा।
वैध रूप से चलते अस्पताल अवैध हो गए हैं।
डॉ सुभाष मोरी डॉ धर्मचंद पटेल ने बताया कि फायर एनओसी जारी नही की जा रही है, जबकि अस्पतालों ने पंजीकृत विशेषज्ञ से फायर ऑडिट करा लिया है और सभी आवश्यक अग्निशमन उपकरण विधिवत स्थापित कर लिए हैं।इस सबके कारण इन सभी जगहों पर लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया अवरुद्ध हो गयी है और वर्षों से वैध रूप से चलते अस्पताल अवैध हो गए हैं।शासन से अनुरोध है कि जब तक फायर सेफ्टी नियम व उसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं होती है तब तक निजी चिकित्सालयों को उनके द्वारा स्थापित फायर उपकरणों व फायर कंसल्टेंट की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ द्वारा लाइसेंस प्रदान करने की कार्यवाही की जाए।