परचरी पुराण के अंतिम दिन सांसद समन्वयक बिरला ने शिव तांडव स्त्रोत सुना कर पंडाल को किया भक्ति मय

रिपोर्ट करण चरोले

सनावद–समीपस्थ ग्राम कालबरड़ मे चल रही पांच दिवसीय परचरी पुराण के अंतिम दिन सांसद समन्वयक रमेश बिरला ने अपने मनमोहक अंदाज से परचरी पुराण के पंडाल में शिव तांडव का जब स्त्रोत सुनाना शुरू किया तब पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से भक्तिमय हो गया श्री बिरला शिव तांडव इस प्रकार सुनाते हैं कि श्रोतागण भक्ति के रस में आनंदमय हो जाते हैं इस दौरान उन्होंने 26 फरवरी को निकालने वाली भगवान देवनारायण के विशाल चल समारोह का जिक्र भी किया।

जिसमें गुर्जर समाज के वरिष्ठो युवाओं महिलाओं को आमंत्रित किया। परचरी पुराण के अंतिम दिन हरेराम महाराज ने कथा में सोना बाई के बालक की कथा सुनाते हुए बताया कि सोना बाई को संत सिंगाजी के ऊपर पूर्ण विश्वास था। संत मेरी मदद करते हैं। कथा में संत सिंगाजी महाराज की समाधि के पश्चात ब्राह्मण श्याम गीर, दर्जी के बालक, गांव के मोची तथा उनके गुरु मनरंग स्वामी को दर्शन देने की कथा सुनाई। समाधि के 6 माह बाद मोची को दर्शन देकर गुरु महाराज ने बताया कि उन्हें आड़ा लिटा दिया गया । जिसे सीधा बैठाया जाय, तब परिवार जन एवं संत मंडली ने मिलकर संत सिंगाजी की समाधि को वापस खोला तब सिंगाजी महाराज का शरीर जैसा कि तैसा मिला। उनके गुरु मनरंग स्वामी के द्वारा उन्हें गोदी में उठा कर बैठाया गया।इसके पश्चात उनकी पक्की समाधि मनाई गई। यह समाधि पिपलिया गांव में स्थित है । संत सिंगाजी ने भक्ति पर अधिक जोर दिया है । उनका कहना था संत और भगवान के लिए जो व्यक्ति भक्ति करता है यदि ध्यान लगाते समय उसकी अश्रु धारा बह निकले तो उस मनुष्य को प्रमाण मिल जाता है कि उसका बार-बार जन्म नहीं होगा। उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। मोक्ष के लिए तीन मार्ग होते हैं । पहला ज्ञान दूसरा कर्म तीसरा भक्ति, लेकिन जिस व्यक्ति को ज्ञान हो जाता है अभिमानी हो जाता है। जो व्यक्ति अच्छा कर्म करता है उसे स्वर्ग मिलता है, लेकिन जो व्यक्ति भक्ति करता है वह मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। जिस व्यक्ति के जीवन में भक्ति नहीं होती वह जीवन व्यर्थ होता है भक्ति निष्कपट भाव से होनी चाहिए। जो व्यक्ति निष्कपट होता है उसे ही भगवान और गुरु के दर्शन होते हैं। इस दौरान सांसद समन्वयक रमेश बिरला बाबूलाल चौधरी गुरूदयाल सेजगायां प्रेम कुमार दोगायाँ योगेश बिर्ला कमलचंद दोगाया गम्मु जी खेड़े सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे

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