भोपाल: कॉलेज कैंपस में 13 दिनों से घूम रहा था बाघ, वन विभाग ने पकड़ने के लिए ये तरकीब अपनाई

भोपाल:-पिछले 13 दिनों से फरार चल रहा बाघ आखिरकार वन विभाग की पकड़ में आ ही गया है. दरअसल पिछले 13 दिनों से भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) कैंपस में एक बाघ घूम रहा था. इस बाघ की वजह से MANIT प्रबंधन और छात्र दहशत में थे

मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में दो बाघ का मूवमेंट था। भोपाल डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि T-1234 बाघ मैनिट में प्रवेश करने के कुछ दिन बाद ही लौट गया। इसके बाद T-21 बाघिन के तीन बच्चों में से एक बच्चा मैनिट में अंदर आ गया था।

राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में घूम रहे बाघ को लेकर नई जानकारी सामने आई है। वन विभाग मैनिट के जिस बाघ को बाघिन T-123 का बच्चा T-1234 बता रहा था। वह बाघिन T-21 का बच्चा निकाला। ऐसे में अब वन विभाग के बाघों की जानकारी को लेकर ही सवाल खड़े हो रहे हैं

मैनिट में बाघ दिखने के बाद से ही दहशत का माहौल था। इसको लेकर प्रबंधन ने ऑफलाइन क्लोस बंद कर दी थीं। इसके बाद यूजी की कक्षाओं के लिए छुट्टी घोषित कर दी थी। इसको लेकर पीजी के छात्रों ने विरोध किया था। बता दें मैनिट में 70 से 80 हेक्टेयर में घना जंगल है। इसी में बाघ छिपा हुआ था। बाघ की मौजूदगी के बाद तालाब की तरफ के इलाके को सील कर दिया गया। उस तरफ जाने पर रोक लगा दी थी। इसके लिए मैनिट के गार्ड और वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया था।

शहर के मैनिट में 14 दिन पहले स्टूडेंट्स को बाघ दिखा था। इसके बाद उसने उसी दिन दो मवेशियों पर हमला किया था। दो दिन बाद बाघ ने एक गाय का शिकार किया था। वह छठे दिन वन विभाग के कैमरे में ट्रैप हुआ था। इसके बाद बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने तीन पिंजरे लगा रखे थे। वहीं, 20 से ज्यादा ट्रैप कैमरे से उसकी मॉनीटरिंग की जा रही थी। वन विभाग के 40 से ज्यादा कर्मचारियों की मैनिट में अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई थी। बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ने भेज दिया गया।

 

चूना भट्टी चौराहे से 4 किलोमीटर दूर 4 घंटे घूमता रहा बाघ

शनिवार को चुना भट्टी चौराहे के पास करीब 4 घंटे तक बाघ घूमता रहा। सुरक्षाकर्मी मानसिंह व एक अन्य ने बताया कि वह भयभीत हो गए थे। उन्होंने दहाड़ सुनकर खुद को गार्ड रूम में बंद कर लिया था। जिसके बाद बाकी खोजबीन की गई उसके पग मार्ग भी मिले जिनकी पहचान की जा रही है इस बात की पुष्टि भी हुई कि बाल्मीकि पारी में बात के वापस लौटने के पगमार्क मिले है। डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि यह बाघ वाल्मी के अंदर घूमने वाला ही है। यह नहीं कह सकते की फुटप्रिंट की पहचान की गई। उन्होंने दूसरे बाघ होने की आशंका जताई है।

 

 

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